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जैनशिलालेख-सग्रह
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कोनकोण्डल ( अनन्तपुर, आन्ध्र)
१०वीं सदी, कन्नड [यह लेख रसासिद्धलगट्ट नामक पहाडीपर एक पाषाणपर खुदा है। यह श्रीनागसेनदेवका निसिदिलेख है। इसकी लिपि १०वी सदीकी है।
[रि० सा० ए० १९४०-४१ ० ४५१ पृ० १२६ ]
मथुरा
१०वीं सदी, सस्कृत-नागरी [इस लेखमें १०वी सदीकी लिपिमें मूलसपके किसी आचार्यका उल्लेख है।]
[रि० इ० ए० १९५२-५३ ० ५२७ पृ० ७७]
कोलक्कुडि (वि० मदुरा, मद्रास)
१०वीं सदी, तमिल समणरमके पहाडीपर जैन मूर्तियोंके उत्तरकी ओर चहानपर
[इस लेखमें गुणभद्रदेव तथा न्द्रप्रमका निर्देश है। लिपिके अनुसार यह लेख १०वीं सदीका होगा।'
"रि० इ० ए० १९५०-५१ २० २४२]
घेखर (मन्दसौर, मध्यप्रदेश)
१०वी सटी, सस्कृत-नागरी [ इस लेख में नन्दियडसपके जैन आचार्य शुभकीति तथा विमलकीतिका उल्लेख है। लिपि १०वी सदीकी है।]
[रि० इ० ए० १९५४-५५ क्र० २०३ पृ० ४५]