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जैनशिलालेख संग्रह
६०६ देवर ( बिनापूर, मैसूर)
[इस लेखमें मूलसघ-देसिगण-इंगलेश्वर पलिके नेमिदेव आचार्यके शिष्य सिंगिसेट्टि, देविसेट्टि, पदुमन्वे तथा सिंगेयके समाधिमरणका उल्लेख है।
[रि० सा० ए० १९३६-३७ क्र० ई २२ पृ० १८३]
६०७ शिर (जमखंडी, मैसूर)
कमद [ इस लेखमें यापनीय सध-वृक्षमूलगणके कुसुमजिनालयमै कालिसेट्टिद्वारा पार्श्वनाथमूर्तिकी स्थापनाका वर्णन है।]
[रि० सा० ए० १९३८-३९ ० ६ ९८ पृ. २१९]
६०५ इडैयालम् (द० अर्कोट, गदास )
तमिल
[ यहां जैन मन्दिरके समीप पापाणोपर चरणपादुकाएं उत्कीर्ण है तथा निम्न नाम खुदे है -
(१) मल्लिपेणमुनीश्वर (२) विमलजिनदेव (३) अप्पाण्डार नायिनार् (४) इडयालम्के जिनदेवर ]
[रि० सा० ए० १९३८-३९ क्र. ३११-१४ पृ० ४२]