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जैनशिलालेख संग्रह मूलसघ-बलात्कारगण-सरस्वतीगच्छके वर्षमान भट्टारककी प्रार्थनापर रामा-द्वारा वराग नामक ग्राम नेमिनाथमन्दिरको अर्पित किये जानेका उल्लेख है।]
[रि० सा० ए० १९२८-२९ ३० ए १२ १०५] [इस ताम्रपत्रकी प्रतिलिपि वराग ग्रामस्थित नेमिनाथवसदिमें एक पापाणपर उत्कीर्ण है।]
[रि० सा० ए० १९२८-२९ ३० ५२५ पृ० ४९]
माण्डू (धार, मध्यप्रदेश) (संवत् ) १४८३=मन् १४६६, सस्कृत-नागरी [इस लेखमें सम्भवनाथको मूर्तिको स्थापनाका उल्लेख है। तिथि (सवत् ) १४८३, वैशाख (चत्र ) शु० ५, गुरुवार ऐसी दी है। ]
[रि० इ० ए० १९५४-५५ २० १८२ पृ०४]
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विसरूर (दक्षिण कनहा, मैसूर)
शक १३:३=सन् १४३१ [यह लेख देवराय २ के राज्यमें शक १३५३ में लिखा गया था। इसमें जैन मन्दिरके लिए बसरूरके चेट्टियो-द्वारा वहकि बाजारम आनेवाली चावलकी हर गाडीपर एक 'कोलग दान दिये जानका उल्लेख है।]
[इ० म० दक्षिण कनडा २७]