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-३.१] मनोलीके लेख
२२७ २६८-३०० मनोली ( जि० वेलगांव, मैसूर)
कन्नड, १२वी सटी [ इस लेसकी लिपि १२वी सदीकी है। यापनीय सघके आचार्य मुनिवल्लिके मुनिचन्द्रदेवको समाधि कुल्लेयकेतगावुडकी पुत्री गगेवे-द्वारा स्थापित की गयी थी। ये मुनिचन्द्र सिरियादेवी-द्वारा स्थापित वसदिके आचार्य ये।
इमी ममयके दूसरे लेखमे मुनिचन्द्रके शिष्य पाल्यकी (ति) देवके समाघिमरणका उल्लेख है। तिथि आश्विन कृ० ५, शुक्रवार, साधा(रण) सवत्सर, ऐसी है।
यहाँके तीसरे लेखमे इमी परम्पराके एक और आचार्यके समाधिमरणका उल्लेख है।]
[रि० सा० ए० १९४०-४१ ई० क० ६३-६५ पृ० २४५]
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कोलक्कुडि (जि० मदुरा, मद्रास )
कन्नड, १२वीं सदी समणरमलै पहाडीपर पापाणके दीपस्तम्भके समीप [ इस लेखमें आरियदेव, बेलगुलके मूलसपके बालचन्द्र देव, नेमिदेव, अजितसेनदेव तथा गोवर्धनदेवका निर्देश है। लिपिके अनुसार यह १२वीं सदीका लेख होगा।]
[रि० इ० ए० १९५०-५१ ० २४४ ]