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एकसम्बिका लेख २५ · योल ॥ मगरटोलिरिद वीरम शृगारममक्कंवत्त गोग्गिय
तम्मुल्संगढोल इयदि निलिपागनयर् ०६ “(अ)मरावतियं ॥ अन्तु तलपहारिनायकन मग गोग्गिय
नायक कटकमनान्तिरिदु तुमुल २७ .""ममान्तरनेनिसिट श्रीवल्लभटेवनमपुत्र प्रतापभुजवल मान्तर
मेनिमिट तैलपटवर विनियम्मग्मन पुत्र श्रीमतु २८ रु तम्मरसर हेमरलु (१) गोट्टनेन्दु (१) हालुगुड्डेय त्रिमोगा
भ्यन्तरमिद्धियागि करलु नहु कारुण्यं गेदु कोह होस २९ वर मने बडि (१) दविन कैयोलगे हाट कैय मक्कि (१)
सहितमागि कोहरु ॥ मगल महा श्री श्री [ यह लेख वैशाख शु. १०, बुधवार, शक १०८४, चित्रभानु संवत्सरके दिन लिखा गया था । पट्टिपोम्बुच्चके मान्तरवणीच राजा श्रीवल्लभदेवके पुत्र तलपदेव-द्वारा हालगुड्ड ग्राम दान दिये जानेका इसमे उल्लेख है। तलाहारि नायकके पुत्र मेनापति गोगिकी पाण्डयरमके विरुद्ध लडते हुए मृत्यु हुई थी। गोग्गिके कुटुम्बियोको यह ग्राम दान दिया गया था। लेखमें तैलपदेवको पद्मावतीलव्धवरप्रसाद यह विगेपण दिया है तथा गोग्गिको जिनपादशेखर कहा है। तैलपदेवके अधीन मेलसान्तलिगे प्रदेशके शासक वीररमका भी उल्लेख किया गया है।
___ [ए० रि० मै० १९२३ पृ० ७४ ]
રા एकसम्वि ( बेलगांव, मैमूर )
शक .०८७मन् १९६५, कन्नड [ यह लेख शिलाहार राजा गण्डरादिन्यके पुत्र विजयादित्यके समयका है। रट्टवशीय कत्तम (कार्तवीर्य) का सेवक मारगौड था। इसकी