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________________ ४८९ २५३ १२२ काचवे २१० काळोज काची ११४,२४८ कागीनाथ २१४ किणयिग (ग्राम) काम्धीपुर १०८,२८८ कित्तवोले १२७ कार्वावर १०१ किन्नरी (क्षेत्रं) १०९ काडवमहादेवि २१३ फिरणपुर १४३ काहवेहि २१३ किविरियथ्य ૧૮૪ काणूरगण २६३,२९९ किश्वेपूर (ग्राम) काण्वायन की ९४,९५,१२१ कीतिवम्मै १०७ कात्तिकेय ११४ कीर्त (ति) नन्द्याचार्य १२१ कादम्ब (कुळ) २०६ कीर्तिवर्मा १०८,११४ कादरूवाल्लि १८२ कीर्तिदेव २०९ कारेय १३०,१८२ कीर्तिनारायण १६४ कारेयवार कीलनाड १२७ कार्तवीर्य १३०,२३७,२७५,२७६ कार्तवीर्यदेव २८० फुफुटासन-मधारिदेव २८४ कार्तवीर्य फुकुम्वाळु (ग्राम) कालवा (ग्राम) हम-महादेवि २१० कालिदास १२० काल्क-देवयसरन् (अन्वय) १४० कुण्डकुन्द (अन्वय) २०९ कावेरि १०८,२७७,२९९, फुण्डकुन्दाचार्य २०९ काश्मीर ૨૮૮ कुनुनिगल (देश) काळ कुन्तलापुर २९९ काळसेन कुन्तळ २०४,२०९,२८० कालिदास १९८ | कुन्तळी ૨૮૮ २१३ काळियक काळिसेटि | फुन्दवैजिनालय १७४ २१९| कुन्दशक्ति काळेयब्बे १०९ २३७ १०८,२१३ फुडलूरद १२४ २२० २१८ कुन्दवाण
SR No.010007
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaymurti M A Shastracharya
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year1953
Total Pages455
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size12 MB
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