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श्री जन पूजा-पाठ संग्रह
घत्ता । जय भवतमभंजन जनमनकंजन, रंजन दिनमनि स्वच्छ करा । शिवमगपरकाशक अरिगननाशक, चीबीसों जिनराज वरा ॥२॥
पद्विार छन्द । जय ऋषभदेव ऋषिगन नमंत, जय अजित जीत वसुअरि तुरंत । जय संभव भवभय करत चूर, जय अभिनंदन आनंद पूर ॥३॥ जय सुमति सुमतिदायक दयाल, जय पद्म पद्मदुतितन रसाल । जय जय सुपास भवपास नाश, जय चंद चंद तनदुतिप्रकाश ॥४॥ जय पुष्पदंत दुतिदंत सेत, जय शीतल शीतलगुन-निकेत ।