________________ नरसिंह का कथन है: तथा महाश्विनी मास उत्तमः सर्वकामदः / देवी तत्र सदा शक्रपासुनापि प्रतिष्ठा।। भवेने फलदां पुंसा कर्कस्थे च वृषस्थिते। न तिथिर्नच नक्षत्रं नापिवारोअथ कारणम् / / अर्थात, सब कामनाओं को देने वाली श्रेष्ठ और आश्विन मास के नव रात्रों में भगवती जगदंबा घर में पुरुषों को फल देने वाली है। कर्क; श्रावणद्ध वृष; ज्येष्ठद्ध के सूर्य में करना ठीक नहीं। वहां वार, नक्षत्र, तिथि आदि भी कारण नहीं होते। माघवीये-मयूखेः मातृभैरववाराहनारसिंहत्रिविक्रमाः। महिषासुर-हन्त्रयश्च स्थाप्या वै दक्षिणयने / / जगदंबा, भैरव, वराह, नृसिंह इत्यादि चौबीस अवतार, भगवान विष्णु की स्थापना सदैव दक्षिणायन सूर्य में ही करनी चाहिए। WWW.Apnihindi.com http://www.Apnihindi.com