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प्रश्न : दक्षिण मुख्य द्वार वाले घर में आग्नेयकोण न मिले, तो चूल्हा कहां बनाना चाहिए? उत्तर : वायव्य के कमरे में आग्नेय कोने में चूल्हा बना कर पूर्व की ओर मुख कर के रसोई बनानी चाहिए। चूल्हे को, उत्तरी दीवार से लगे बिना, तीन इंच जगह छोड़ कर एक या दो फुट चौड़ा चबूतरा पूर्वी दीवार के साथ बना कर उस पर रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, उत्तरी दीवार से तीन इंच दूर, पूर्व की दीवार से लगे, पूर्व से दक्षिण आग्नेय तक और दक्षिण और पश्चिम दीवारों से लगे पश्चिम वायव्य तक चबूतरा बना कर उस पर भी चूल्हा रख कर रसोई बना सकते हैं। इस चबूतरे के नीचे खुली जगह रहनी चाहिए। चूल्हा पश्चिम को और पकाने वाले का मुंह पूर्व की ओर होने चाहिएं। जो भी हो, पूर्व की दीवार में प्रकोष्ठ (आला) बना कर उसमें चूल्हा नहीं रखना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान गृहस्वामी को रखना चाहिए।
घर में बैठक किधर होनी चाहिए?
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घर की बैठक (Drawing-Room) या रहवास का कमरा (Living-Room) प्रायः दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। शौचालय संस्कृति का जोर आजकल 'टॉयलेट' संस्कृति का प्रचलन बढ़ गया है। प्रत्येक व्यक्ति अपने घर के शौचालय (Toilet) पर ज्यादा से ज्यादा रुपया खर्च कर रहा है। किसी भी आधुनिक इमारत को देखें, तो उसमें सबसे सुंदर उस घर का शौचालय ही होगा। इतना ही नहीं, आजकल घरों में शयन कक्ष से लगे शौचालय की पद्धति चल पड़ी है। जहां देखो शौचालय बनने लगे हैं। पर जहां तक हो सके शौचालय और स्नान घर एक साथ नहीं होने चाहिएं। यह पद्धति भारतीय संस्कृति के अनुकूल नहीं है। शौचालय संबंधी कुछ नियम इस प्रकार हैं :
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