________________
पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 69 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002
कराने में कर्म निमित्त मात्र हैं, क्योंकि इसे निमित्त मात्र नहीं मानोगे तो सिद्धों को भी सिद्धालय से आना पड़ेगां "भगवान महावीर स्वामी की जय"
हस्तिनापुर के जिनालय में स्तिथ एक वेदी
885
११५४१५
श्री कलश (अष्ट मंगल)
जैन प्रतिक
Visit us at http://www.vishuddhasagar.com
Copy and All rights reserved by www.vishuddhasagar.com For more info please contact : akshayakumar_jain@yahoo.com or pkjainwater@yahoo.com