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पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमृत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 6 of 583 ISBN # 81-7628-131-
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अनुक्रमणिका क्रमांक
विवरण मंगलाचरण
स्याद्वाद को नमस्कार 3. तीन लोक का नेत्र 4. उपदेशदाता आचार्य के गुण
भुतार्थ दृष्टि द्रव्य व द्रव्य दृष्टि ग्रंथारंभ भोग में योग कहाँ परमात्म स्वरुप बंध, निर्बन्ध दशा
बंध व्यवस्था 12. पुरुषार्थ की सिद्धि का उपाय
निर्ग्रन्थ चर्या - अलौकिक वृत्ति 14. कल्याण हेतु क्रमिक देशना
मोक्ष का मार्ग - रत्नत्रय प्रयोजनभुत सात तत्व निःशंक ही सम्यक दृष्टी निःकांक्षित अंग मत करो किसी से घृणा पज्जय-मूढा परसमया उपगुहन अंग हो जा स्व में स्थित धर्मी सो गौ बच्छ प्रीत कर आत्म प्रभावना ही प्रभावना हैं सम्यक ज्ञान अधिकार कारण कार्य भाव अष्टांग सम्यक ज्ञान सम्यक चारित्र अधिकार उदासीन वृत्ति ही सम्यक चारित्र
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