________________
पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 4 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002
यह मेरा परम सौभाग्य है कि आचार्य श्री विशुद्ध सागरजी की इस देशना को मैं ईसंस्करण द्वारा आप तक पहुचाने का प्रयास कर रहा हूँ. यह मेरी भावना थी कि मैं इस ग्रन्थ को 'माँ जिनवाणी के जन्म दिवस अर्थात श्रुत पंचमी के दिन इसे संपूर्ण जगत के लिए इन्टरनेट पर उपलब्ध करवाउं और आचार्यों की कृपा से यह कार्य उसी दिन पुर्णता को प्राप्त हुआ. कल्याण शहर जो कि मुंबई का एक उपनगर है वहाँ स्थित श्री १००८ चन्द्रप्रभु चैत्यालय का प्रथम वार्षिक महोत्सव भी इसी दिन मनाया गया.
इस ग्रन्थ के संगणक लेखन एवं उसके प्रत्येक श्लोक को सही तरह से लिखने के कार्य में मुझे कई लोगों का सहकार्य मिला जिसके लिए मैं सभी का अत्यंत आभार मानता हूँ. जैसा कि मैंने पहले ही कहा हैं मैं अल्पज्ञानी हूँ अतः मेरे द्वारा किये गए प्रयास में यदि कोई त्रुटियाँ / गलतियाँ हो तो गुरुदेव मुझ अल्पज्ञानी को क्षमा करें एवं आप सभी पाठक गण मुझे मेरी गलतियाँ बता कर उन्हें सुधारने का मौका दें.
लोक के सभी सच्चे गुरुओं को शत शत वंदन.
प्रदीप कुमार जैन (पी. के. जैन) कल्याण, मुंबई. श्रुत पंचमी, ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी, 16 जुलाई 2010.
Visit us at http://www.vishuddhasagar.com
Copy and All rights reserved by www.vishuddhasagar.com For more info please contact : akshayakumar_jain@yahoo.com or pkjainwater@yahoo.com