________________
पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 349 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002
आदमी बड़े खतरनाक होते हैं, दो-दो बात करते, दोनों हाथों से लड्डू खाना चाहते है, मालूम चला कि दोनों हाथों के लड्डू गिर गयें इसलिए ध्यान रखो, एक ही नाव पर सवारी करों दो-दो नाव पर सवार होओगे तो डूब जाओगें उधर मिथ्यात्व में भी लगे हो, इधर महाराज! वीतरागधर्म भी सत्य हैं मनीषियो! जो दोनों ओर घूमता है, हमारी जिनवाणी में उसे मिश्र गुणस्थानी कहा जाता हैं
चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री १०८ शांति सागरजी महाराज
Visit us at http://www.vishuddhasagar.com
Copy and All rights reserved by www.vishuddhasagar.com For more info please contact : akshayakumar_jain@yahoo.com or pkjainwater@yahoo.com