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अगर कुत्ता हमें काटे और हम भी कुत्ते को काटने के लिए तत्पर बन जाएँ तो फिर हमारे और कुत्ते में क्या फर्क रहेगा! अपकारी के प्रति भी उपकार की वर्षा करना भगवान महावीर का आदर्श था. मैं समझता हूँ यही आदर्श हमें सुख-शान्ति और आनन्द दे सकता है. प्राणी - मात्र के प्रति परम मैत्री की अभिलाषा ही हमें सब दुःखों से मुक्त करेगी.
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