SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 4
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ D 0 D 0 151 समर्पण तीर्थंकर श्रमण भगवान् महावीर को ! जिनके धर्म संघ का मैं एक अदना सा सेवक हूँ ! देवों और मनुष्यों द्वारा अर्चित गुरुदेव श्री मायाराम जी महाराज को ! जिन्होंने हरियाणा प्रदेश में जिन धर्म को गांव-गांव में पहुँचाया था । मेरी श्रद्धा के आधार, जिनकी अनन्त कृपा से मैंने धर्म-संयम-सन्यास - विद्या एवं जीवन-पथ को पाया, उन गुरुमह परम श्रद्धेय गुरुदेव योगिराज श्री रामजीलाल जी महाराज को ! जन-जन के आराध्य, जैन-शासन के सूर्य, धर्म संघ - शास्ता, मेरे परम आराध्य गुरुदेव मुनि श्री रामकृष्ण जी महाराज को! जिनके वरदहस्त की सुमंगल छाया में, मैं साधना-पथ पर चल रहा हूँ ! अनन्त आस्था के साथ सादर समर्पित ! - सुभद्र मुनि
SR No.009997
Book TitleHaryanvi Jain Kathayen
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhadramuni
PublisherMayaram Sambodhi Prakashan
Publication Year1996
Total Pages144
LanguageHariyanvi
ClassificationBook_Other
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy