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समर्पण
तीर्थंकर श्रमण भगवान् महावीर को ! जिनके धर्म संघ का मैं एक अदना सा सेवक हूँ !
देवों और मनुष्यों द्वारा अर्चित गुरुदेव श्री मायाराम जी महाराज को !
जिन्होंने हरियाणा प्रदेश में जिन धर्म को गांव-गांव में पहुँचाया था ।
मेरी श्रद्धा के आधार, जिनकी अनन्त कृपा से मैंने धर्म-संयम-सन्यास - विद्या एवं जीवन-पथ को पाया, उन गुरुमह परम श्रद्धेय गुरुदेव योगिराज श्री रामजीलाल जी महाराज को !
जन-जन के आराध्य, जैन-शासन के सूर्य, धर्म संघ - शास्ता, मेरे परम आराध्य गुरुदेव मुनि श्री रामकृष्ण जी महाराज को! जिनके वरदहस्त की सुमंगल छाया में, मैं साधना-पथ पर चल रहा हूँ !
अनन्त आस्था के साथ सादर समर्पित !
- सुभद्र मुनि