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आस्था की ओर बढ़ते कदम
मन्दिर रायगंज में स्थित है जहां मुलनायक भगवान ऋषभदेव हैं ।
कहा जाता है कि वांवर के सेनापति मीर बाकी ने वहां राम जन्म भूमि पर एक मस्जिद बनाई थी। जिसे १६६२ में गिरा दिया गया। यहां मन्दिर बनाने का कार्य जल रहा है । पर अदालती झगडे के कारण अभी राम लला की मूर्ति एक स्थान पर स्थापित है। यहां बहुत साधुओं के अखाड़े हैं। यहां के प्रसिद्ध मन्दिरों में हनुमान गढ़ी, तुलसी दास मन्दिर, कनक भवन व सीता रसोई दर्शनीय स्थल हैं। सरयू नदी पर तीर्थंकरों की ५ टोंके हैं।
इस नगर में धर्मशालाएं व होटल कदम कदम पर मिलते हैं । यात्रीयों का हमेशा आवागमन बना रहता है। यहां हिन्दू धर्म के अतिरिक्त कुछ मुस्लिम मस्जिदें देखने योग्य हैं।
प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल
यहां दिगम्बर जैन समाज ने काफी निर्माण कार्य करवाया है। रायगंज में भव्य ऋषभदेव की प्रतिमा है। प्राचीन दिगम्वर मन्दिर में भगवान सुमतिनाथ के चरण विराजमान हैं । एक सरकारी वाग भगवान भदेव को समर्पित है। प्रभु अनंतनाथ के जन्म स्थान पर टोंक है। यह मुहल्ला राजघाट में है। यह १६ तीर्थकरों के चरण भी विराजित हैं। असर्फी भवन चोराहा में प्रभु अभिनंदन के जन्म स्थान पर टॉक ( चरण चिन्ह) हैं, जिनकी जनसाधारण पूजा अर्चना करता है। यह भरत वाहुवलि टोंक में चरण चिन्ह हैं ।
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भगवान अजीतनाथ के जन्म स्थान पर भी उनका चरण चिन्ह पूजा जाता है। यह टोंक मुहल्ला वकसरिया
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