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=ારા હી વોર જ वहुत ही कम है । यात्रियों से भरा होने के बावजूद भी यहाँ अनुपम शांति है । इस तीर्थ के रेलवे स्टेशन पर भी इस मन्दिर व प्रतिमा का माडल लगाया हुआ है । यहां के स्थानीय ग्रामीण लोग जैन संस्कारों में रंगे हैं । उन्हें जैन यात्रियों से अच्छा व्यवहार करना आता है । यहां सरकारी विद्यालय भी है ।
. भारत सरकार व राजस्थान सरकार इस मन्दिर व तीर्थ के विकास की ओर विशेष ध्यान देती है । इस तीर्थ की प्रबंधक समिति का कार्यालय जयपुर में स्थित है । शांतिधाम में एक नवा मन्दिर स्थापित हो चुका है । यहां सव मन्दिरों में भव्य कीर्ति स्तम्भ हैं । शांतिधाम के सामने एक चैत्य और है । शांतिधाम मन्दिर परिसर रेत के टीलों से घिरा हुआ है । इसकी दूसरी तीर्थ की यात्रा मैंने नवम्बर २००१ प्रभु महावीर के २६०० साला जन्म कल्याणक पर सपरिवार की । तव तक में इस तीर्थ की प्रगति को देखकर प्रसन्न हुआ । यहां यात्रियों की भीड़ के कारण प्रभु महावीर स्वयं हैं । पर यहां की व्यवस्था का भी इसमें प्रमुख हाथ है । ऐसी व्यवस्था हमें आनन्दजी कल्याणजी पेठी समेदशिखर (विहार) में देखने को मिली ।
यह तीर्थ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र है, इसके अतिशय __का वर्णन हम ऊपर कर चुके हैं । इसी चमत्कारी प्रभाव के
कारण हम यहां आये । मैंने यह यात्रा अपने धर्मभ्राता रविन्द्र जैन के साथ की थी क्योंकि ऐसी उसकी भावना थी । तीर्थ श्री महावीर जी की यात्रा : ___मैं अपने धर्माता रवीन्द्र जैन के साथ दिल्ली की ओर रवाना हुआ । यहां हम दोपहर को पहुंचे । दोपहर को जनता मेल ट्रेन आती है । यह ट्रेन सेन्टरल वाम्वे को जाती
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