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- વાસ્થા of aોર વહd o૮મ उन सव को दुहा, इनका दूध पचास गायों को पिलाया, फिर उन ५० गायों के दूध को २५ गायों को पिलाया, फिर इन्हीं गायों का दूध १२ गायों को पिलाया, उन १२ गायों का दूध मैंने ६ गायों को पिला दिया, फिर मैंने दूध दुहकर २ गायों को पिला दिया । एक को पिलाया। फिर उन दो गायों के दूध से मैंने ये खीर वनाई है । सो इस खीर में १०० गायों का दूध समाया है, इसलिये ये खीर पुष्टिदायक है । बुद्ध ने वड़े आराम से पेट भर खीर खाई । खीर खाने के बाद उनमें अनुपम शक्ति का संचार हुआ ! वह सारनाथ पहुंचे, जहां उन्होंने अपना प्रथम उपदेश दिया था । गया यात्रा :
__हम सुवह एक रिक्शे से रवाना हुए । सर्वप्रथम मैंने हिन्दू गया जी तीर्थ के दर्शन किये । एक पुरोहित जी हमारे गंव से संबंधित थे, वह मुझे साथ ले गया, उसने बड़े विधि विधान के साथ मुझे यहां के मन्दिरों के दर्शन करवाये । फिर नदी में पूजा करवाई। गया तीर्थ में पण्डे ही पण्डे हैं यहां पितृश्राद्ध व प्रायश्चित का विधान किया जाता है। यह सब लोग हिन्दू पुराणों के अनुसार करवाते हैं । इस तीर्थ का महात्मय हिन्दू पुराणों से भरा पड़ा है । मैंने यहां भी पूजा की । पुरोहित को यथाशक्ति दक्षिणा दी, फिर वौद्ध गया के लिये रवाना हुए । बौद्ध गया में :
बौद्ध गया ३ कि.मी. की दूरी पर अंतराष्ट्रीय धार्मिक स्थल है । यहां बौद्ध भिक्षु कदम-कदम पर मिलते हैं । कुछ तो मन्दिरों में यात्रा के लिये आते हैं, कुछ मन्दिरों में स्थापित मटों में रहते हैं । सारा बौद्ध जगत यहां आता है । भारत में इस तीर्थ की महत्ता इसलिये भी है कि वह अपने सही
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