________________
- आस्था की ओर बढ़ते कदम भोजन किया और फिर तीर्थ पावापुरी को वन्दना कर नवादा की ओर बढ़ने लगे। नवादा :
नवादा जिला है जो पावापुरी से २५ कि.मी. की दूरी पर है । नदादा से मात्र २ कि.मी. दूरी पर गुणाया तीर्थ है, यहां गुणशैल चैत्य है । यह कभी राजगृह का भाग रहा था । गुणाया, गुणशील का अपभ्रंश है । इसी क्षेत्र में अनेकों वार श्रमण भगवान महावीर पधारे धे । यह स्थान गणधर गौतम स्वार्म की केवलज्ञान भूमि के रूप में पुज्य है । यही स्थान है जहां गणधर गौतम प्रभु महावीर की आज्ञा से देवशर्मा ब्राह्मण को प्रतिवोधित करने आये थे । भगवान महावीर के निर्वाण का समाचार सुन गणधर गौतम वच्चों की तरह रोने लगे । फिर अचानक की संसार की सच्चाई का ज्ञान होते हैं. केवलज्ञानी बन गये । यहां एक भव्य तालाब है, जिसके नध्य में एक दिगम्बर जैन मन्दिर है । इस जल मंदिर का निर्माण पावापुरी जल मंदिर की तरह है, इसके सामने एक तोरण है, जिसकी कला दर्शनीय है ।
__ यहां एक श्वेताम्बर मन्दिर भी है । यह स्थान नवादा स्टेशन से २ कि.मी. दूरी पर है । वहां से २०० मी. पर जलसरोवर है । यहां का वातावरणा शांत है । यह मंदिर प्राचीन शैली का तालाव है । यह तालाव का जल खुशक हो चुका है । यहां यात्रियों के ठहरने के लिये श्वेताम्बर व दिगम्बर धर्नशालाएं हैं, जहां भोजनशाला, ठहरने की सुन्दर व्यवस्था है ।
इस नन्दिर के दर्शन किये, बहुत हरा-भरा वातावरण है । यहां नवादा का बस स्टैंड सभी तीथों को जाने का केन्द्र विन्दू है । यहां से लछवाड़ जाया जा सकता है । यहां से ही
343