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= ણ્યા શ શેર રૂમ से आगे ट्रेन स्वः प्रधानमंत्री श्रीमति इन्दिरा गांधी की संसदीय सीट राय वरेली पहुंची, उसके वाद आया इतिहासिक तीर्थ इलाहावट, जो त्रिवेणी संगम के नाम से प्रसिद्ध है । इस संगम के किनारे किले में प्रथम तीथंकर भगवान श्रषभदेव का वह वृक्ष है, जिसके नीचे इन्हें केवल्य का ज्ञान प्राप्त हुआ था।
जिर आया तीर्थ वाराणसी या वनारस । यह तीर्थ हिन्दू, जैन व बौद्ध परम्परा का इतिहासिक व धार्मिक स्थान है । इसे काशी के नाम से जाना जाता है । यहां वड़ा स्टेशन मुगल स्नाय है, जो कोयले की अच्छी मंडी है । यहां से कोयला ट्रकों में भरकर पूरे भारतवर्ष में पहुंचता है ।
नल सराय में ट्रेन सबसे अधिक समय रुकी । यह तीर्थ ही यात्रा में था लेकिन हमें सर्वप्रथम पटना पहुंचना था । इनाणसी पहुंचते-पहुंचते दिन निकल आया । यहां सबसे बड़ी जरूरत स्नान की थी । यह व्यवस्था ट्रेन में नहीं थी । - सूर्य के दर्शन हो चुके थे । ६ वजे के करीव ट्रेन आरा हुंची । यह स्टेशन श्री देव कुमार जैन शोध संस्थान - - के लिये काफी प्रसिद्ध है । यहां से जैन कम्यूनिटी नामक शोध पत्रका प्रकाशित होती है । इस संस्था ने वहुत से जैन विद्वानों को जन्म दिया है । यहां पर विशाल पुस्तकालय व हरतलिखित लेखों के भण्डार हैं, जिसके दर्शन करने के लिये विदेशों से लोग यहां आते रहते हैं ।
ट्रेन के आरा से गुजरते ही विहार की राजधानी पटना ___ में पहुंचे । स्टेशन पर उतरकर स्नान किया । फिर नाश्ता
आदि किया । अव हम पटना शहर देखने में व्यस्त हो गये । हमें कार्यक्रम अनुसार शहर को देखना था । यह पटना शहर पुरातन जैन शहर है । इसका निर्माण राजा श्रेणिक के पोत्र ने राजा उदयन ने गंगा किनारे करवाया । राजा उदयन
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