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-आस्था की ओर बढ़ते कदम २. अंतराष्ट्रीय संस्था यूनेस्को द्वारा
... हमारा सम्मान
संयुक्त राष्ट्र संघ का दफतर न्यूयार्क में है। इस संस्था के कई विभाग हैं। संसार के सभी प्रमुख राष्ट्र इस संस्था का सदस्य हैं। इसी का एक विभाग है यूनेस्को। यह संस्था सांस्कृतिक गतिविधियों की विश्व स्तर पर गतिमान है। सन २००० कई वर्षों से महत्वपूर्ण था। एक तो इस सन के वाद नई सदी शुरू होनी थी। दूसरा इसी वर्ष में भगवान महावीर का २६०० साला जन्म महोत्सव मनाने की तैयारी चल रही थी। इस शताब्दी पर युनेस्को ने विद्या, साहित्य व संस्कृति के धरोहर पर काफी कार्य किए। इन कार्यक्रमों समारोह में हिन्दी भाषा की साहित्यक सेवा करने वालों का सम्मान भी शामिल था।
नई दिल्ली में एक १० दिन का अंतराष्ट्रीय हिन्दी सहस्त्रावदी सम्मेलन का आयोजन रखा गया। हर दिन कुछ लेखकों का सम्मान भी इस कार्यक्रम का अंग था। यह समारोह भारत सरकार की विभिन्न हिन्दी सेवी संस्थाओं व यूनेस्कों के सहयोग से शुरू हुआ। इस समारोह में १० दिनों में हिन्दी के विकास पर विभिन्न प्रोग्राम व गोष्टीयां रखी गई।
इस समारोह पर मुझे व मेरे धर्म भ्राता रविन्द्र जैन को निमंत्रण मिला। हमारा समारोह एक ही दिन होना था। यह समारोह दीनदयाल उपाध्याय मार्ग के पास अणुव्रत भवन के पास ही आयोजित था। अणुव्रत भवन में हमारा आना जाना रहता है क्योंकि यह स्थल श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ का मुख्यालय है।
इस समारोह में विश्व भर से विद्वान, कवि सम्मिलित होने आए थे। करीबन ८००० लोग इस आयोजन
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