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-आस्था की ओर बढ़ते कदम यह कार्य ३ महीने चलता रहा। उस के वाद साध्वी श्री के जीवन से संबंधित चित्रों का प्रकाशन शुरू हुआ। चित्र प्रकाशन में मेरी भावना थी कि उपप्रवर्तनी साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज के क्रान्तिकारी जीवन पर, चित्रों द्वारा प्रकाश डाला जाए। ऐसे आठ चित्र बनाने का निर्णय लिया गया। यह चित्र महासाध्वी के जीवन से संबंधित घटनाओं पर आधारित थे। इन चित्रों का निर्माण आगरा के प्रसिद्ध चित्रकार श्री पुरुषोत्तम सिंह ने किया। समस्त ग्रंथ प्रकाशन नवम्बर में करने का वायदा किया गया। अक्तूवर में दीक्षा महोत्सव आना था। पर तव तक ग्रंथ प्रकाशित नहीं हो सका। यह ग्रंथ जनवरी के पहले सप्ताह में पूर्ण हुआ। हमारा सौभाग्य था कि प्रेरिका साध्वी श्री राजकुमारी जी महाराज व साध्वी श्री सुधा जी महाराज ने हमें इस योग्य समझा कि हम ऐसी दिव्य विभूति को अभिनंदन ग्रंथ के माध्यम से श्रद्धा के पुष्प अर्पण कर सकें। यह काम करने का अपना मजा था। हमें अपनी गुरूणी के आशीवाद का फल मिल रहा था।
___ एक बात मैं और बता दूं कि स्वयं साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज अभिनंदन ग्रंथ के आयोजन के विरूद्ध थे। पर जव आचार्य श्री देवेन्द्र मुनि जी महाराज ने हमारी हां में हां मिलानी शुरू किया फिर आप का विरोध शांत हो गया। उन्होंने हमारी श्रद्धा को स्वीकार कर लिया। अव गुरूणी श्री स्वर्णकांता जी महाराज का आशीवाद हमें निरंतर मिल रहा था। इस अवसर पर उन्होंने अपनी एक पुस्तक नन्दन मणियार भी प्रकाशित करवाई। साध्वी किरणा जी ने साध्वी श्री स्वर्णकांता जी का संक्षिप्त परिचय प्रकाशित करवाया। इस अभिनंदन ग्रंथ में श्रावक वर्ग का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ। यह सहयोग साध्वी श्री सुधा जी
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