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आस्था की ओर बढ़ते कदम
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प्रकाशित हर छोटी वडी पुस्तिका का संक्षिप्त वर्णन किया है। उनमें से कुछ पुस्तकें अभी किसी कारण अप्रकाशित हैं। उनका वर्णन भी कर दिया हैं। यह हमारे साहित्य की यात्रा कथा है। यह साहित्य यात्रा ही हमारी आस्था की यात्रा है साहित्य के माध्यम से मुझे अपने धर्म व अन्य धर्मों के स्वाध्याय का सौभाग्य मिला। इस यात्रा के कारण हमे बहुत सारे मुनियों व साध्वीयों का आर्शीवाद मिला । वहुत से मुनियों व साध्वीयों के माध्यम से हमें अपनी ज्ञान जिज्ञासा शांत करने का वल मिला । साहित्य हमारी पहचान है, जीवन है, देव, गुरू व धर्म के प्रति श्रद्धा व आस्था का प्रतीक हमारा साहित्य है । हमारा समस्त साहित्य परम्परा व श्रद्धा व मान्यता पर आधारित तुलनात्मक साहित्य है। हमारी यह कोशिश रही है कि हमारे धर्मों का सन्मान हो । किसी भी कार्य से दूसरे धर्म को ठेस न पहुंचे। सव धर्मो का सन्मान हो ।
अभिनंदन ग्रंथ की रूप रेखा
आर्शीवाद
सद-प्रेरिका
सम्पादक मण्डल
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आचार्य देवेन्द्र मुनि जी महाराज युवाचार्य श्री शिव मुनि जी महाराज उपप्रवर्तनी जैन ज्योति, जिन शाषण भाविका श्री स्वर्णकांता जी
महाराज की ज्योष्ट शिष्य साध्वी श्री राजकुमारी जी महाराज, साध्वी श्री सुधा जी महाराज
साध्वी किरणा जी, साध्वी संतोष जी, साध्वी श्री श्रुति जी एम.ए., डा० धर्म चन्द जैन कुरुक्षेत्र, श्री चन्द खुराणा,
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