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-आस्था की ओर बढ़ते कदम यह भारत की प्राचीन व वर्तमान भाषाओं में उपलब्ध है। हम ने सभी प्रमुख साहित्यों को एक स्थान पर इकट्ठा किया है। इस पुस्तक का समर्पण साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज ने अपने कर कमलों से किया। साडा साहित ७ :
यह लघु काया पुस्तक है। इस में हमारे द्वारा प्रकाशित व अप्रकाशित ग्रंथों का विवरण दिया गया था। यह ग्रंथ अब प्रकाशित हो चुके हैं। इस का विमोचन मेरे धर्मभ्राता रविन्द्र जैन ने मेरे द्वारा करवाया। इस पुस्तक में हमारे पंजावी-हिन्दी साहित्य का विवरण है। यह पुरूपोत्तम प्रज्ञा का अंक है, जो मेरे जन्म दिन पर मेरे धर्मभ्राता रविन्द्र जैन ने मुझे भेंट करते हैं। जैन आगम साहित ८ :
इस पुस्तक में सर्वप्रथम जैन धर्म के १४ पूवों का परिचय दिया गया है। इस के बाद अंग, उपांग, मूल सूत्र, टेट, मंत्र, प्रकिणक, टीका, चुर्णि, नियुक्ति पर प्रकाश डाला गया है। ४५ आगमों के नाम, उनमें वर्णित विषय, उनकी टीका सभी की व्याख्या पंजाबी भाषा में की गई है। यह प्रथम
प्रयास है कि पाठक जैन आगम में वर्णित विषयों को अपनी __ भाषा में जान सकें। इस का विमोचन साध्वी श्री स्वर्णकांता
जी महाराज ने किया था। जैन धर्म दे तीर्थंकर ६ :
___ इस पुस्तक में जैन धर्म के २४ तीथंकरों का परिचय व घटनाओं का वर्णन पंजावी भाषा में दिया गया है। उनके माता-पिता का नाम, जन्म, दीक्षा, केवलज्ञान व मोक्ष
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