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आस्था की ओर बढ़ते कदम
जीवन के रहस्य को खोलने में सक्षम हैं । यह संदेश हर काल, समय, व्यक्ति के लिए समता, ऐकता व समन्वय का संदेश देते हैं। पंजाबी भाषा में यह प्रयत्न प्रथम बार हुआ । इस का विमोचन भी विश्व पंजावी लेखक सम्मेलन के अवसर पर देहली के विज्ञान भवन में सम्पन्न हुआ । भगवान महावीर के समकाली इतिहासक महापुरूष ४ :
पंजाबी भाषा में जैन इतिहास पर लिखा गया हमारा पहला कथा संग्रह है । इस में भगवान महावीर के प्रसिद्ध शिष्य राजा श्रेणिक, मंत्री अभय कुमार, अतिमुक्त कुमार, महासती चन्दन वाला, मृगावती, मेघ कुमार, आदि भव्य प्राणीयों का जीवन इतिहासक स्रोतों में लिखा गया है। संगरूर से प्रकाशित होने वाले दैनिक कौमी देन में किश्तवार प्रकाशित हुआ । यह जैन कहानीयों का किसी दैनिक समाचार पत्र का पहला प्रकाशन था । यह प्रकाशन ६० किश्तों में प्रकाशित हुआ । इस पुस्तक का प्रकाशन स्वतन्त्र रूप से नहीं
हुआ।
भगवान महावीर ५ :
लगभग २५०० वर्षों से भगवान महावीर का जीवन चारित्र पंजाबी भाषा में किसी ने लिखा नहीं था । मुझे प्रसन्नता है कि यह इतिहासक कार्य मैंने व मेरे धर्मभ्राता रविन्द्र जैन ने कर दिखाया। सैकंडों हिन्दी, गुजराती, संस्कृत, प्राकृत, उर्दू व अंग्रेजी के जीवन चारित्रों का अध्ययन किया । उनकी शैली देखी। इस चारित्र को लिखने का हमें सौभाग्य प्रथम वार प्राप्त हुआ। इस ग्रंथ की समीक्षा दैनिक पंजावी ट्रिव्यून व अजीत में प्रकाशित हो चुकी है। जैन पत्र-पत्रिकाओं में इस की समीक्षा अलग प्रकाशित हुई। यह ग्रंथ था जिस
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