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आस्था की ओर बढ़ते कदम
रिश्ता नामक पुस्तक अपने आवास पर भेंट की थी । यह पुस्तक स्वपनों पर आधारित थी। उसी पुस्तक की प्रेरणा से मैंने अनजाने रिश्ते पुस्तक लिखी । जिसका सम्पादन मेरे धर्म भ्राता श्री रविन्द्र जैन ने किया था । अमृता जी ने इस पुस्तक का विमोचन भी किया। इस में से एक स्वप्न अपनी पत्रिका नागमणि में प्रकाशित किया था । वह सचमुच संसार की सरल मना लेखिका हैं। अंतराष्ट्रीय स्तर पर संसार में प्रसिद्ध पुरस्कार वह प्राप्त कर चुकी हैं। वह सूफी परम्परा की पक्षधर हैं। उनके विचारों में आजकल आचार्य रजनीश की छाप स्पष्ट है। उन्हें दिल्ली सरकार ने २१वीं सदी की लेखिका घोषित किया है।
उन्हें यह अवार्ड उनकी वृद्धावस्था के कारण घर पर ही सादगी भरे समारोह में दिया गया। अमृता जी ने हमारे साहित्य और प्रभु महावीर के प्रति श्रद्धा व्यक्त की । उन्होंने साध्वी पावर्ती जी महाराज की क्रांन्तिकारी रचनाओं के लिए उन्हें याद किया। साथ में जैन धर्म की साध्वी परम्परा अच्छी लगी, जो विना किसी भेद भाव से समस्त स्त्री जाति को बराबर का अधिकार देती है। उन्हें इस से पहले भारतीय ज्ञान पीठ. अवार्ड मिल चुका था । भारत सरकार का शायद ही कोई अवार्ड हो जो उन्हें न मिला हो । इस तरह यह अवार्ड का कार्यक्रम चलता रहा । अव साध्वी श्री स्वर्णकांता जी महाराज का स्वर्गवास होने के वाद इस अवार्ड का जिम्मा उनकी विदूषी शिष्या साध्वी सुधा जी महाराज के आधीन हैं, जो हमारे हर कार्य में हमें आर्शीवाद देती रहती हैं। इंटरनैशनल महावीर जैन शाकाहार अवार्ड यह अवार्ड अहिंसा, शाकार जो जैन संस्कृति के
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