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लघुविद्यानुवाद
पूजन मन्त्र :
___ॐ ह्री श्री क्ली श्रीधर कस्रथायपयोनिधि जाताय श्री दक्षिणावर्त शखाय ह्री श्री क्ली श्रोकराय पूज्याय नम ।
इस मन्त्र को पढते हुए अष्टद्रव्य से सुगन्धित इत्र चढाए, नैवेद्य चादी के बरतन मे रखे, उसमे दूध, चीनी, केशर, कस्तूरी, बादाम, इलायची डाले, साथ मे केला रखे, जो भोजनशाला मे मे वस्तु बनी हो उसे चढाए, कपूर से आरती उतारे। ध्यान मन्त्र :
ॐ ह्री श्री क्ली श्रीधर करस्थाय पयोनिधि जाताय लक्ष्मी सहोदराय चिन्तितार्थ सपादकाय श्रीदक्षिणावर्त शखाय श्री कराय, पूज्याय क्लो श्री ह्रो ॐ नम सर्वाभरणभूषिताय प्रशस्यायङ्गोपाङ्घसयुताय कल्पवृक्षाय स्थिताय कामधनु चिन्तामणिनव निधिरूपाय चतुर्दश रत्न परिवृताय अप्टादश महासिद्धि सहिताय श्री लक्ष्मी देवता श्री कृष्णदेव करतन लालिताय श्रीशख महानिधये नमः।
जप मन्त्र ॐ ह्री श्री क्ली ब्लू दक्षिण मुखाय शखनिधये समुद्रप्रभवाय शखाय नम । प्रतिदिन एक या दस माला फेरे । जप करने के बाद मन्त्र के साथ पानी आकाश की ओर छॉट दे।
गोरोचन कल्प मन्त्र :-ॐ ह्रीं हन हन ॐ ह्रीं हन ॐ ह्री ॐ ह्रां ह्री हो हा ठः ठः ठः स्वाहा । विधि -गोरोचन की टिकडी बनाये-२१ उपरोक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित करके शुद्ध जगह
रख दे, जब भी जरूरत हो उपरोक्त मन्त्र से २१ वार अभिमन्त्रित करके प्रयोग मे लावे,
गुगुल का धूप खेवे। प्रयोग -१. ललाट पर तिलक कर राज्य सभा मे राज्य प्रमुख के पास व सरकारी किसी भी
कार्य के लिए जावे तो मनोकामना सफल हो । २. हृदय पर तिलक करके जहा भी जावे, तो मनोकामना सफल हो, किसी के पास
__ जावे, तो वश मे हो। ३. मस्तक पर तिलक करके जावे तो रास्ते मे सिह, व्याघ्र, चोर ग्रादि का भय .. मिटे, स्त्री-पुरुष सब वश हो, लोकप्रिय हो ।