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________________ लघुविद्यानुवाद शुक्ल पक्ष मे पुष्य नक्षत्र पडे तब घूचची की जड लाकर उसे शैया के सिरहाने वाधकर सोने से चोरो का भय नही रहता है । ६५८ कृतिका नक्षत्र मे कैथ का बाधा लाकर मुँह मे रखने से शस्त्र के प्रघात का भय दूर हो जाता है । कोल के फल का तेल निकालकर उसमे तगर के फल का चूर्ण मिलावे, इसे आखो मे प्राजने से जहा तक दृष्टि जायेगी वहा तक देवी देवता ही दिखाई पडेगे । बाद के केवल तगर के तेल का अजन करने से पुन मानुषि दृष्टि प्राप्त होती है । कोल का तेल दीपक मे भर कर घर मे जलाने से भूत-प्रेत दिखाई देते है । मीठे तेल मे गधक डालकर दीपक जलाने घर मे भूत-प्रेत दिखाई देते है । रविहस्त को पमाड की जड, शनिवार को न्योतकर रविवार को प्रात. उसे लाकर दाई भुजा मे बाधने से सब में जीत होती है । सफेद घू घच्ची को पानी मे पीसकर बिना खूटी वाली खडाऊ पर गाढा लेप कर ले फिर उस पर पाव जमा कर चले तो खडाऊ पाव से अलग नही होगी । मूली के पत्तो का रस हाथ मे लेकर बिच्छू पकडने से वह डक नही मारता है । गोखरू बकरी का सीग, ताल बुखारा, शूकर की विष्टा ओर सफेद घू घची इन सबको पीसकर रसोईघर मे डाल देने से मिट्टी के बरतन सब फूट जायेगे । रविवार के दिन प्रात काल लाल एरण्ड को न्योत आवे । शाम के समय उसे एक झटके मे तोड लाये कि उसके दो टुकडे हो जाये । एक टुकडा नीचे गिर पडे, दूसरा हाथ मे रहे, फिर दोनो टुकडो को अलग-अलग रख ले। फिर जिसे पीढे (पाटा) पर बैठा हुआ देखे, उसके शरीर से जो टुकडा नीचे गिर पड़ा हो, उस टुकड़े को छुआवे तो वह आदमी पाटे से चिपक जायेगा | हाथ जो रह गया था, उसको स्पर्श करा देने पर वह चिपका हुआ आदमी छूट जायगा । मे प्राक के दूध मे चावलो को भिगोकर आग पर चढाने से चावल कभी भी नही पकते हैं । भिलावे का रस मे घूघचो, विष, चित्रक और कौच को मिलाकर देने से शत्रु को भूत लग जाता है | चन्दन, खस, माल कांगनी, तगर, लाल चन्दन और कूठ को एक मे पीसकर शरीर मे लेप करने से भूत उतर जाता है ।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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