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________________ लघुविद्यानुवाद ६५७ सरसो, सेधा नमक, लोग और बच-इन सबको कूट कर मुंह पर लेप करने से मुंह पर होने वाली छोटी २ कीले फुन्सिया ठीक होती है । सफेद साठी की जड को घी मे पीस कर आखो मे अजन करने से बहता हुआ पानी रुक जाता है। बादाम, कपूर, आधी २ रत्ती लेकर खूब महीन पीस ले, फिर अगुली से अजन करने पर दुखती हुई आखे ठीक हो जाती है । रागे की अगूठी मध्यमा अगुली मे पहनने से मोटापा कम हो जाता है। सोते समय सूखा नमक पिसा हुआ सिर मे मलने से झडते हुए सिर के बाल बन्द हो जायेगे। शुभ नक्षत्र मे (अपामार्ग अथवा अधाझार) की जड लाकर व्यक्ति के दाये कान मे बाधने से सर्प-बिच्छु का जहर उतर जाता है । सर्प के काटे हुए स्थान पर सफेद सोठ की जड का लेप करने से जहर उतर जाता है। मयूर के साबुत पङ्ख को चिलम मे भर कर फूक देने से तुरन्त सर्प का जहर उतर जाता किन्तु इस प्रयोग को छ -सात बार करना चाहिये, सर्प दृष्टा व्यक्ति अगर बेहोश हो गया हो तो अन्य व्यक्ति स्वय फूक देकर सर्प दृष्टा के नाक मे जोर से धु आ फेकने से विष उतर जायगा। ॥० ॥ स्वप्नदोषों को दूर करने का उपाय ऊट के बालो की रस्सी बनाकर, अपनी जाघ मे वाध ले तो जब तक उस रस्सी को नही खोलेगा तब तक वीर्य स्खलित नहीं होगा। कमल गट्टे को शहद के साथ पीसकर नाभि पर लेप करने से वीर्य स्खलित नहीं होगा। पुष्य नक्षत्र मे पाक और धतूरे का कपरी भाग एव कटेली को जड लाकर, सवको मिलाकर चूर्ण करे, इस चूर्ण को जिसके सिर पर डाल दिया जाय, उससे इच्छित वस्तु प्राप्त की जा सकती है। ___ ताल को मढे में पीसकर मिट्टी सहित पुतली बनाए। उस पुतली को जिसके घर मे गाड दिया जाय उस घर का ग्रह-क्लेश का नाश हो जाता है।
SR No.009991
Book TitleLaghu Vidhyanuvad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKunthusagar Maharaj, Vijaymati Aryika
PublisherShantikumar Gangwal
Publication Year
Total Pages774
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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