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लघुविद्यानुवाद
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यत्र न० ७४
७१
७८
२
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७२
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६
१
७३
इस यन्त्र को थूहर के रस मे (दूध) स्वाति नक्षत्र मे लिखकर, पुरुष अपनी कमर मे धारण करे तो शुक्र का स्तम्भन होता है ।।७४॥
यत्र न० ७५
२५ ।
२०
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इस यन्त्र को सेही के काटे से, पशु के खूटे पर लिख देने से तथा खू टे को गाड़ देने से गया हुमा पशु वापस लौट आता है ॥७॥