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लघुविद्यानुवाद
यत्र न० ४४
इस यन्त्र को रविवार के दिन लिखकर पास रक्खे, तो भूत प्रत हा हा कार करके भाग ये । (ग्निसुं जाय सूध छै) ॥ ४४ ॥
यत्र न० ४५
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कुंगरं व सहक
लहरु स्वा
इस यन्त्र को रविवार के दिन लिखकर कमर मे बाधने से गर्भ का स्थम्भन होता है ||४५ ||
यत्र न० ४६
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हो हाही हीं सनम
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