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लघुविद्यानुवाद
यत्र न०४२
२१
इस यन्त्र को चन्दन, सिन्दूर से भोजपत्र पर लिखकर पास मे रखे तो वाण, (तीर) नही लगता है । केशर किस्तुरी से लिखे, तो सर्व वश होते है ।।४२।।
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स्व
यत्र न०४३
१५१
२३
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३१॥
२७॥
३॥५
॥३६
है।
२४॥
१४॥
२४
३४।।
५॥
४॥
इस यन्त्र को बच्चो के गले मे बाधने से दात सुखपूर्वक आते है ॥४३।।