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लघुविद्यानुवाद
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दूसरों को भी दे सकते है । उपकारार्थ । धर्म, नीति, न्याय, श्रद्धा को नही छोडे, धर्म से विजय पा सकते है ॥२७॥
यन्त्र न०२८
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इस यन्त्र को लिखकर शत्रु के सोने की जगह पर गाड देवे, तो शत्रु का पलायन हो जाता है ॥२८॥
यन्त्र न०२१
देवदत्त स्त्री सुसर कुले
तिष्ठ तिष्ठ
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_ मे रहती है इस यन्त्र को सुगन्धित द्रव्यो
इस यन्त्र को सुगन्धित द्रव्यो से लिखकर, तावीज मे डाल कर गले मे वाधे, तो स्त्री सासरे मे रहती है ।।२६।।