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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न०१७
यन्त्र न० १८
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४४
इस यन्त्र को लिखकर ताबीज मे डालकर गुगुल का धूप लगाकर, माथे पर धारण करने से, मार्ग मे किसी प्रकार का भय नही होता है ॥ १७ ॥
यन्त्र न० १६
इस यन्त्र को लिखकर पशुओ के गले मे बाधने से पशुप्रो को किसी प्रकार का रोग नही होता ॥ १८ ॥
यन्त्र न० २०
२८
३०
५
१६
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२२
३२
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२६
इस यन्त्र को लिखकर गले मे बाधने से दृष्टि दोष, शाकिनी, भूत, प्रत , डाकिनी, सिहारी सर्व दोष मिटे ॥ १६ ।।
इस यन्त्र को लिखकर माथे पर रक्खे तो झगडे पर, विजय हो और नामर्द मर्द होई ॥ २०॥