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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न० १५
१८ ।
२४ ।
५ ।
६
१२
१०
।
११ । १७ । २३
इस यन्त्र को अष्टगध से भोजपत्र पर लिखकर गले मे बाधने से डाकिनी शाकिनो दोप दूर होता है, और दृष्टिदोप निकल जाता है ।। १५ ।।
यन्त्र न० १६
इस बन्य को नेशर में थाली में निमकर धोकर पिलाने में यष्टि म्त्री, कष्ट मेर गती है, याने प्रगती ग्रन्छी तरह हो जाती है ।। १६ ।।