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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न०१०
॥ ह्रीं ह्रीं ह्रीं | ही
७मट३ ZAR ॥६६ पूजउ |
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इस यन्त्र को वसोला उपरि लिखी अग्नि मध्ये धमीजे पछै उपरिति राध करा वो वा छूटूईः ।। १०॥
यन्त्र न०११
यन्त्र न०१२
देवदत्तस्यमृगीनाशक)
।
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७
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२१
इस यन्त्र को वसोला पर लिखकर अग्नि मध्ये धमीज स्त्री वध्या छुट्इ । याने पुत्र होगा ॥ ११॥
इस यन्त्र को लिख गले मे वाधे तो मृगी रोज जाये ।। १२॥