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लघुविद्यानुवाद
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ॐ ह हा ही ह. क्षः झा झा ह्र, सः प्रबल बल चक्रे स्वाहा।
वशीकरण विषयोऽपिसो विधि र्वोधव्या फल च द्रावण आकर्षण मोहन वशीकरणानिचेति सवोध्य।
अथ बीजोत्पत्ति ॐ अ विद्यु जिह्वा 'उ' काल वक्त्रा सयोगे द्वयो उईति मः महाकालः ऊ इति शत्रु क्षय कारक त्त्वेनानदोत्पादकत्व फल ह्री क्षतजस्थ व्योम, वक्त्रधूर्म भैरव्यल कृत नाद बिन्दु समायुक्त बीज प्राथमिक स्मृत, षट् कर्म सिद्धि करण फल ज्ञेय । हु काल वक्त्र युकफल च स्तम्भन ज्ञय स र
यन्त्र नं. ५
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