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लघुविद्यानुवाद
प्रभाव से स्वर्गलोक के देवता, यक्ष, किन्नर देव, भूत, भैरव को सिद्धी होय, राजा, प्रजा, स्त्री पुत्रादिक सर्व वश्य होय, सौभाग्य लक्ष्मी की प्राप्ति हो, बदी खाने से छूटे । ॐ ह्रा श्री पद्मावति सर्व कल्याण स्पे रा री द्रा द्री द्रो नम । इस मन्त्र का २१००० हजार जाप उत्तर दिशा मे मुह करके पीले वस्त्र पहनकर जाप करे। पीली सरसो, पीले फूल और ी मिलाकर २१००० मन्त्र से होम ४६ दिन तक करे तो विद्या की सिद्धि होती है। प्रसन्न होय, सौभाग्य लक्ष्मी की प्राप्ति होय ।
यन्त्र नं० १४
यस्यादेवेनरेन्द्रै नरपति गणैः किन्नरैदानवेन्द्रैः।
आँ श्रीँ श्री श्री
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अंबेकाले समाधिप्रकटय परमरक्षमा देविप !!
ाँ श्रीँ सिद्धैनागेंद्र यनरमुकुटतटैघृष्टपादारविंद्रे॥
श्री श्री
ahale
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Wilalbwythaukuwaheela
सोभाग्यदायक यन्त्र
विधि नं. ३
श्लोक न. १४ (१४) इस बारहवे श्लोक के पाठ करने से भक्त के अनेक उपसर्ग नष्ट होते हैं ।