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लघुविद्यानुवाद
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__ "प्रां क्रों ह्रीं पंच" श्लोक नं० ११ विधि नं० ३ यन्त्र नं. १
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सर्वसिद्धि दायक यन्त्र स्तोत्र विधि नं.३
श्लोक नं० ११ (११) इस श्लोक का पाठ करता हुआ, यन्त्र को अष्टगध से लिख कर, मंत्र का लाल कनेर के
पूप्पो से २१००० हजार जाप छह महिने तक करे तो महादेवी पद्मावती का विकराल रूप मे दर्शन होवे, यन्त्र के प्रभाव से दृष्टि दोष निवारण होता है, ध्यान से सव
सिद्धि प्राप्त होती है। मन्त्र :-ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं पद्मावती सकल चराचर त्रैलोक्य व्यापी ह्रीं क्लीं लहां
ह्रीं ह्रौ ह्रः ऋद्धि वृद्धि कुरु २ स्वाहा ।