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फट् ३ निग्रह ताडय' २ ब्ल्यू स्रास्री ह्र क्रौक्ष २ ह२ स २ ध २ स २ म्यू ह्र २ घर २ ॐ ह्रा ह्री भ्रू भ्रूभग सग -- भृकुटि पुटतट त्रासितोद्दामदैत्ये । स्रा स्रीखू स्रौ प्रचडे । स्तुतिशत मुखरे । रक्षमा देवि पद्मे । पर २ कर २ ॐ फट् शखमुद्रया मारय २ ग्रहाय २क्ष्म्ल्यू हर २ स्तुतिका मुद्रा ताडय २ र्यू रषरा प्रज्वल २ प्रज्वालय २ धूमावकारिणी रा २ प्रा २ क्ली २ ह व नद्यावर्तुळे मुद्रा त्रासय २ म्यू खचक्रमुद्रया छिद २ भल्ब्यू ग त्रिशूल मुद्रया छेदय २ परमन्त्रभेदय २ म्यू धर्म २ वधय २ मोचय २ हलमुद्रया द्रावय २ व २ य कुरु २ क्यू प्रू प्रो समुद्र मज्झ २ ब्ल्यू छा छ्री छौ छ्र मन्त्राणि छेदय २ परसंन्यमुच्चाटय पर रक्षा क्ष त्रकुत्र फट् २ परसैन्यम् विध्वसय २ मारय २ दारय २ विदारय २ गतिस्तभय २ म्यू भ्रा भ्री भ्रू भ्रौ भ्र श्रवय २ म्यू य प्रेषय २ प छेदय २ विद्वषय २ स्म्ल्यू स्रा स्री स्रावय २ मम् रक्षा रक्ष २ पर मन्त्र क्षोभ २ छेद २ छेदय २ भेद २ भेदय २ सर्वजभ स्फोटय २ भ २ म्यू म्राम्री भ्रू म्रौ जामय २ स्तभय २ दुखय २ खाय २ -- क्ल्यू व्रा व्री व्र ब्रौ ब्र हा ग्रीवा भाजय २ मोहय २ म्यू त्रात्री त्रू त्रोत्र --त्रासय २ नाशय २ क्षोभय २ स २ सर्वदिशि बधय २ सर्व विघ्न छेदय २ निकृ तय २ सर्वदुष्टान् ग्राहय २ सर्वं यन्त्रान् स्फोटय २ सर्व शृखलान् त्रोटय २ मोटय २ सर्वदुष्टान् श्राकर्षय म्यू ह्रा ह्री ह ह्र शातिम् कुरू कुरू -- तुष्टि कुरू कुरू स्वस्तिक सर्व भय मम रक्ष सर्व सिद्धि कुरू २ सर्व रोग नाशय २ किन्नर किपुरुष गरुड गधर्व यक्ष राक्षस भूत प्रेत पिशाच वैताल रेवती दुर्गा चडी - कुष्माडिणी बाध सरय २ सर्व शाकिनी मर्दय सयोगिनी गण चूरय २ नृत्य २ गाय २ कल २ किली २ हिलि २ मिलि २ सुलु २ घुलु २ कुलु २ पुरु २ अस्माक वरदे पद्मावती हन २ पच २ सुदर्शन चक्रेण छिद २ ही क्ली -- प्र ॐ ग्नी प्लीस्रा श्री श्री ही २ प २ प्रीं २ ह्रा २ पद्मावती धरणेंद्र प्रासादयति स्वाहा ॥
कुरू २ ॐ क्रौ ही हो पद्मावती आगच्छ २
ह्रां
एष मन्त्र पठित. सिद्ध. निरन्तर स्मर्यमाणेन सूत ग्रह ब्रह्म राक्षस वेताल प्रभृति-शाकिनी ज्वर रोग चोरारिमारि - निग्रह - व्यालसर्प वृश्चिक मूषक लूत पातक च शिरगेगो नाशयति ।
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४ क्यू ।
लघुविद्यानुवाद
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ॐ भृंगी रेटी किरेटी जंभय २ क्लीं पय २ घृत ट क स्वाहा ॥१॥
ॐ चंडाली प्रमुकस्य रुधिर पितर २ सुहृदये भित्वा हिलि २ चंडालिनो मातंगिनी स्वाहा ॥२॥