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लघुविद्यानुवाद
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विधि .--इस यन्त्र को नागर बेल के पत्ते पर, नागर बेल के पत्ते के रस से लिखे । उस पत्ते को
रोगी को खिलावे। इससे बेला ज्वर नाश होता है। उस पत्ते के रस को उपरोक्त मन्त्र
से ७ बार मन्त्रीत करे । (१५) अथवा ह्रा ह्री ॐ के बीच मे देवदत्त लिखे, उपर से ही कार को वष्टित कर दे।
यन्त्र न १५ देखे। विधि :-इस यन्त्र को गोरोचन से भोजपत्र पर लिखकर गले मे या हाथ मे बाँधने से चोर भय
नही होगा। ये अमोघ विद्या है। (१६) ह्री स्त्र देवदत्त ह्री स्त्र लिखे, ऊपर चतुर्थ दल कमल बनावे। उस कमल की पाखुडी मे क्रमश. ॐ ह्रा ही स्त्र लिख दे। यह यन्त्र रचना हुई । यन्त्र न. १६ देखे ।
श्लोक नं० २ विधि नं० १ यन्त्र नं. १६
हाँ हॉस्त्र
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राजपुरुषों को वश करने का यन्त्र