________________
१३८०
८
w
लघुविद्यानवांद
३
यन्त्र न २४६
इस यन्त्र को भोज पत्र पर अष्टगंध से लिखे और पगडी मे अथवा टोपी मे रक्खे तो छत्रधारी होता है ||२४|
यन्त्र न २५०
૧.
ह्रीँ
सः
११
इस यन्त्र को १ लाख बार लिखकर सिद्ध करे । फिर कार्य पडे तब प्रयोग करे || २५०||
यन्त्र न २५१
सः
सः
१०
सः
४