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लघुविद्यानुवाद
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यन्त्र न.२४३
ॐतारे तारे तुं तारे २ देवदत्तस्य बच्चन मुक्ति कुरुर स्वाहा।
इस यन्त्र को अष्टगध से भोज पत्र पर लिखकर, गले मे बाधे तो राजा के वधन से छट जाय, बन्धि मोक्ष यन्त्र है ॥२४३।।
यन्त्र न २४४
ॐ १६
ह्री २
| ह्री २ | ह्री १३
सु ५
। स ११
व १०
ह्री ८
ह्री ७
| ह्री ६ । ह्र १२
_स ४ ।
स ४ । ठ १५ ।
ह्री १
. इस यन्त्र को भोज पत्र पर अष्टगध से लिखकर घर मे बाधे तो गाकिन्ध दि नष्ट हो और ध्वजा पर लिखे तो राजा शत्र भागे, घर में रखे तो घर का मर्व उपद्रव नाश हो सवेरे नित्य ही इस यन्त्र का दर्शन करे तो शुभ हो ॥२४४।।