________________
३६०
६१
७
1
६७
४
यन्त्र न० १६०
६८
३
६२
o
६५ ६४
w
६ ६३
यन्त्र बुझारी के माहि लिखकर के मशान मे गाडे, तो स्त्री की कूख बन्द होय ||१०||
६६
दक
5
१
冷
नं
लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न० १६२
ह्रीँ
नं
व
देवदत्त
व
&
६५
上
४
यन्त्र न० १६१
७२
ന
७१ ६६
"
मह
२
६६
w
६७
IS
८
६८
यन्त्र आक की जड सू लिख, माथै राखे, तो देवता प्रसन्न होय ।। १६१ ।।
१
७०
यह यन्त्र गर्म पानी मे रखिये । तीन दिन मे शीत ज्वर जाय । शीतल पानी मे रक्खे शीत ज्वर जाय, हाथ मे वाधे बेला ज्वर जाय, धूप खेवै, भूखो को जिमावे ।। १६२।।