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३४८
हह
१०
१११
६००
कैर
१०१
यन्त्र को पीपल के पान पर स्याही से लिखिये । इससे एकातरा ज्वर जाय ।। १६२ ।।
यन्त्र न १६३
55
&&
११०
३००
लघुविद्यानुवाद
६ह
यन्त्र न० १६२
ह्रीँ
श्रीँ
फट
७७
८८
१०६
६
स्वाहा
£2
६६
७७
१०८
७
६७
५५
६६
१०७
६००
८६
इस यन्त्र को लिखकर काजल कीजे, पाछे ७ दिन लीजै, प्रजनि को करि भरतार कने जाव वश्य भवति ॥ १६३ ॥