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लघुविद्यानुवाद
यत्र न० १०१ इस यन्त्र को लिखकर पास में रखने से सर्वग्रह शात होते है ।।१०।।
* नवग्रहयुक्त बीसा
महा
शनि
MALAIMER
चन्द्र
क्ली
इस यत्रको लिखकरपास मे रक्सने से सर्वग्रहशातहोते है 1020/
यत्र न० १०२ मूल यन्त्र --ॐ श्री ह्री क्ली "महा लक्ष्मै नम" भोजपत्र पर रोज एक यन्त्र लिखना अष्टगध से उस पर २१०० जाप करना, धूप दीप फूल फल नैवेद्य धरना, पीला वस्त्र, पीली माला
सहा
लक्ष्मय
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रखनी चाहिये। इस प्रकार ६२ यत्र ६२ दिन मे लिखना । ६३वॉ यत्र चॉदी के पत्ते का बनवाना। उसके पीछे ६२ यन्त्र भोजपत्र के रखसा। श्री सुक्त ( ) से पूजा करनी चाहिये ।।१०२॥