________________
३२२
लघुविद्यानुवाद
पूर्व दिगा की ओर मुख कर ॐ ह्री श्री क्ली एकाक्षय भगवते विश्व रुपाय सर्व योगेश्वराय त्रैलोक्य नाथाय सर्व काम प्रदाय नम दीवाली के दिन १२,५०० हजार जप पद्मासन से यन्त्र न०६५
यन्त्र न०६६
देवदत्तस्थ सर्वसिद्धि कुल्नु
करे । माला प्रवाल की होनी चाहिये । पीछे होम करे, होम की विधि -बादाम १०८-अखोल ( ) १०८-सुपारी १०८ लोवान सेर १।।, काली मिरच सेर १।।, दाख सेर ०।–गोला ०/-जव से र
यन्त्र न०६७
ICutar
०।-घी सेर-२ बेर की लकडी, अर्द्ध रात्रि मे उत्तर दिशा मे मुख कर हवन करना । चैत्र सुदा आसोद मुदो ८ दिवाली, होली और ग्रहण के दिन मे नारियल को पूजन करना । यत्र मे देव दत्त जगह अपना नाम देना। तीनो यन्त्रो की विधि एक ही है ।। ६५ ।। ६६ ।। ६७।।