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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न० ६२
इस यत्र को रवि पुष्य के दिन सोना, चादी, ताबा या भोजपत्र पर लिख प्रतिष्ठा कर लो। यत्र को ५, १०, १५ तिथि से प्रारम्भ कर साढे बारह हजार करना फिर रोज एक माला
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जपना । मन्त्र प्रारम्भ और अन्त करने वाले दिन उपवास करना। सफेद वस्त्र, माला, आसन सफेद, एकाग्रचित से जप करे, मन वाछित कार्य सिद्ध हो, गृह देव प्रसन्न होय ॥१२॥