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लघुविद्यानुवाद
दूसरा चौसठ योगिनी यन्त्र ॥५३।। २६० का यह यन्त्र बहुत से कार्य मे काम आता है। लिखने का विधान सर्वत्र समझना चाहिये । इस यन्त्र को ताबे के पतडे पर बनवा कर पूजा करने से भी लाभ होता है । इष्ट देव की सहायता से कार्य सिद्ध होता है। मनुष्य का प्रयत्न करने का काम है ।।५३।।
यन्त्र न ५३
६१
१५ । ५१
५२
___ ५४ । १०
४२ ।
२२
२०
४७
-
३४
३०
२१
।
२७
-
--
।
२६
३६
३८ ३७ ----------
४५
। ३५ । ३१ ! ३२
------- ___४३ । २३
४४
उदय अस्त अंक ज्ञाता यन्त्र ॥५४।। यह उदय अस्त अक जाता यन्त्र है। इसका ज्ञान जिसको है वह जान सकता है कि भाषा