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लघुविद्यानुवाद
यन्त्र न० ५१
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सिद्धा यंत्र ॥५१॥
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यह सिद्धा यन्त्र, सिद्धा के काम का है, इस यन्त्र को पास मे रखने की अावश्यकता नही है। न ही दीप, धूप रखकर भोज पत्र मे लिखने की आवश्यकता है । यह यन्त्र तो जो इसकी गिनती के अनुभवी है उन्ही के काम का है। जो पुरुप इसका उपयोग समझ सकेगा, वही लोग ऐसे यन्त्रो से लाभ उठा सकेगे और विना अनुभव से कार्य करने वाला हानि उठाता है ।।५१॥
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चौसठ योगिनी यन्त्र ॥५२॥ यह चौसठ योगिनी यन्त्र कई तरह के कार्य सिद्ध करने में समर्थ है । इस यन्त्र के लिखने मे यह खूबी है कि एक का अक लिखे बाद दो अक तिरछे कोठे में, तिरछे एक कोठ के बीच मे छोड कर लिखा गया है। इसी तरह के तमाम अक तिरछे कोठे मे एक-एक छोडते हुए लिखे है और अन्त मे चौसठवे अ क पर समाप्ति की है। इस यन्त्र की लेखन विधि को अच्छी समझ लेना चाहिये और यन्त्र लिख कर जिस कार्य की पूर्ति के लिए बनाया हो उसकी विगत